आज तिरंगा लहराते देखूँ तो
यूँ वक़्त को भागते देखूँ तो
एक बात मुझे बहुत सताती हैं
देश भक्ति हम में
साल के दो ही दिन आती हैं ……अंग्रेज़ो से लड़े थे जो
अपनी अल्हड़ भरी जवानी में
झोंक दिए थे देश पर खुद को
है सीख उनकी कहानी में
आज लोगों को बँटते देखूँ तो
यूँ आपस में लड़ते देखूँ तो
एक बात मुझे नहीं सुहाती हैं
देश भक्ति हम में
साल के दो ही दिन आती है…सीमा पर तैनात हैं जो
घर वालो का अभिमान है वोमर जाते हैं मिट जाते हैं
भारत माँ के मान के लिए
वे अपना लहू बहाते हैं
आज उस माँ के सीने पर
बेटी को जलते देखूँ तो
जवानी में होश गवांकर
औरत को लुटता देखूँ तो
एक बात मुझे बहुत रुलाती हैं
देश भक्ति हम में
साल के दो ही दिन आती हैसपना था उन वीर जवानो का
आज़ाद भारत के कल का
जहाँ हर बच्चा हो शिक्षित
पेट रहे भरा सभी का
लह लहाते रहे खेत सदा
और हो माहौल हमेशा ख़ुशी कापर आज आज़ादी के 71 साल बाद
जाति के नाम परलोगो को मुँह मोड़ते देखूँ तो
एक रोटी के टुकड़े के लिए
किसी को चोर बनते देखूँ तो
एक बात मुझे बहुत दुखाती हैह्रदय को बहुत जलाती है
देश भक्ति हम में
साल के बसदो ही दिन आती है …….
Thank you very much
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अच्छी रचना है
सोचने पर मजबूर करती है ।
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Very innovative 🙂
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Thank u Sirjee
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